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Self Development – आपके भविष्य की चाबी

Self Development , यानि स्वयं का विकास, यह शब्द पिछले कुछ सालो से ही ज्यादा प्रचलन में आया है. और पहले जिस रेफ़रन्स में इसे इस्तमाल किया जाता था, वो आज के उपलक्ष से बहुतायत भिन्न था.

आज The Secret या Power of Sub-conscious mind या positive thinking जैसी किताबे पढ़ने वाला युवा वर्ग तेजी से बढ़ रहा है. YouTube पर Motivational Videos देखना या महेंगे self development programs ज्वाइन करने वालो की संख्या बढती जा रही है . हा ये बात भी है कि कुछ लोग इसे self development से ज्यादा shortcut to success की आशा से करते है और उनका निराश होना तय भी होता है .

पर यह सारी बाते कुल मिलाकर समाज की बहेतरी ही करती है. जिस समाज का युवक ये महसूस करे कि Self Development एक अनंत यात्रा है , उस समाज का उत्थान निश्चित है.

Self Development करना और उसकी जरूरत महसूस करना दोनों अलग बाते है ! और आज मै बात करूँगा इन्ही दो पैमानों पर स्वयं का मुल्यांकन करने की

इन दोनों पैमानों के आधार पर हम किसी को भी चार वर्गों में बाट सकते है, जैसा कि दिए हुए चित्र में यह वर्गीकरण हम देख सकते है. मै चाहूँगा कि आप भी आपने आप को योग्य जगह पर वर्गीकृत करे, इस से आप को अपने आप को पहचान ने में बड़ी मदद मिलेगी .

पहला वर्ग , ऐसा वर्ग है जो न Self Development करता है न उसे कभी उसकी जरूरत लगती है. वो चाहे जो भी काम करता हो या किसी भी पद पर हो , मेरी दृष्टि में वो मजदूर ही है. ताज महल बनाने वाले मजदूरों को अगर ये पुछा जाये कि वे क्या कर रहे है तो वे ये नही कहेंगे कि विश्व का एक अजूबा बना रहे है , वे तो सिर्फ यह ही कहेंगे कि पत्थर ही तोड़ रहे है ! मै पहले वर्ग के लोगो को इन मजदूरों से अलग नही समजता.

दूसरा वर्ग है, जो जानता है कि हा Self Development करना चाहिए पर उनके priority list में Self Development बहोत निचे होता है. ऐसे लोग बड़ी चूक कर रहे है , क्योकि ये लोग Self Development की उत्पादन क्षमता को बिलकुल नही समज रहे. ये लोग बहुधा किसी और व्यक्ति की स्वप्न पूर्ति पर ही अपना जीवन लगा देंगे, ये लोग एक महा भयंकर भविष्य की ओर बढ़ रहे है, इन्हें समजना होगा की investment on self is best investment.  इनके पास 6% या 8% return देने वाली किसी फाइनेंस स्कीम के लिए बजट होगा पर अनन्त रिटर्न देनेवाले ‘स्व’ के लिए बजट नही होगा. न ये लोग चंद सौ रुपयों में कोई वर्कशॉप या स्किल इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम attend करेंगे और न ही अपने अंदर की नकारात्मकता , संकुचितता और मर्यादाओ से निजाद पाने की कोई थेरेपी लेने का सोचेंगे. ऐसे लोगो का जागना बहुत जरूरी है !

तीसरा वर्ग है , जो थोडा बहोत Self Development कर के रुक जाते है. इन्हें यह समजना जरूरी है कि यह एक अनन्त यात्रा है. किसी एक गुरु या mentor से चिपके रहने से हो सकता है कि आप काफी सारे दुसरे अवसर गवा रहे हो. असल में कोई भी सच्चा गुरु अपने शिष्य को कभी बांध कर नही रखता. सो इन्हें ज्ञान की भक्ति करनी चाहिए न कि किसी गुरु की  !

और चौथा वर्ग है जो सतत अपने आप को Develope करता रहता है. जो Self Development का एक निश्चित वार्षिक बजट बना के रखता है, समय का भी और धन का भी ! वो रोज़मर्दा की RAT-RACE से बहार आना चाहता है, और अपनी किसी मर्यादा से समझौता नही करना चाहता. वो यह ठीक से मानता है कि उसका ‘स्व’ के अनन्त संभावनाओ की खान है, वो जितना गहराई में जायेगा उतनी ही कीमती चीजे उसे मिलती जाएगी. ये वही लोग है जो आने वाले कल के लीडर बनेंगे , CEO बनेंगे , business owners बनेंगे और देश का इतिहास रचेंगे.

आप स्वयं को किस वर्ग में रखना चाहेंगे ? बेहद जरूरी प्रश्न है यह!

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